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प्रबंधन गुरू बनने के लिए टीएमयू का टिमिट कॉलेज बेस्ट इंस्टिट्यूट

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प्रबंधन गुरू बनने के लिए टीएमयू
का टिमिट कॉलेज बेस्ट इंस्टिट्यूट

 

किसी भी सेक्टर में सफलता की बुलंदी छूने के लिए बेस्ट मैनेजमेंट अनिवार्य है। मानव संसाधन से लेकर भौतिक संसाधन, वैश्विक रणनीति, समय प्रबंधन, वैश्विक बाजार के ट्रेंड सरीखे फंडों को गहनता से समझने के लिए मैनेजमेंट पाठ्यक्रम समय की दरकार है। युवाओं के इस संकल्प, समर्पण और जुनून की कसौटी पर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद का तीर्थंकर महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी- टिमिट खरा उतरता है। यूपी के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन कॉलेजों में शुमार 2001 में स्थापित यह टिमिट कॉलेज इस साल अपने सिल्वर जुबली में मंगल प्रवेश कर गया है। कॉलेज में ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, मानव संसाधन, वित्त, वित्तीय बाजार, साइबर सुरक्षा, कृषि प्रबंधन, अस्पताल प्रबंधन आदि सहित बीबीए, बीकॉम, एमबीए में विशेषज्ञता सरीखे पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला है। टिमिट की ओर से टाइम-टू-टाइम राष्ट्रीय और वैश्विक अपडेशन के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय भ्रमण यात्राएं कराई जाती हैं। मैनेजमेंट स्टुडेंट्स को प्रशिक्षित उद्योग पेशेवर नियमित अपनी गाइडेंस और परामर्श देते हैं। टिमिट का प्लेसमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड भी शानदार है। टिमिट के एल्युमिनाई देश-विदेश की नामचीन कंपनियों में आकर्षक पैकेज पर कार्यरत हैं। पुरस्कारों और सम्मान से टिमिट की झोली लबरेज है।

टिमिट के डीन प्रो. विपिन जैन बताते हैं, इस शीर्ष प्रबंधन कॉलेज का पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुसार डिजाइन किया गया है, ताकि स्टुडेंट्स को गतिशील व्यावसायिक दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने वाली शिक्षा प्रदान की जा सके। पाठ्यक्रम को प्रासंगिक बनाने और नवीनतम उद्योग रुझानों के साथ तालमेल बिठाने के लिए लगातार अपडेट किया जाता है। प्रो. जैन कहते हैं, हमारा पाठ्यक्रम अनुभवात्मक शिक्षा, केस स्टडी, उद्योग परियोजनाओं और इंटर्नशिप के महत्व पर जोर देता है, यह सुनिश्चित करता है कि छात्र वास्तविक दुनिया की चुनौतियों से निपटने और लगातार विकसित हो रहे उद्योग परिदृश्य के अनुकूल होने के लिए अच्छी तरह से तैयार हों। बिजनेस स्कूल सर्वेक्षणों में कॉलेज को लगातार उच्च दर्जा दिया गया है, क्योंकि विभिन्न एफडीपी, एमओओसी, कार्यशालाओं, सम्मेलनों, उद्योग प्रतियोगिताओं, अतिथि वार्ता और सेमिनारों के जरिए सशक्त शैक्षणिक वातावरण तैयार किया जाता है। यूनिवर्सिटी कैंपस में इनक्यूबेशन सेंटर के संग-संग गठित उद्यमिता प्रकोष्ठ का उद्देश्य एक नवीन और उद्यमिता- आधारित पारिस्थितिकी तंत्र की स्थापना करना है। ये विचारों को स्थायी स्टार्ट-अप में परिवर्तित करने में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। मैनेजमेंट के यूजी, पीजी और पीएचडी में मेधावी स्टुडेंट्स के संग-संग जैन छात्रों को फीस में विशेष रियायत का प्रावधान है।

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