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अमृत योजना में लापरवाही पर महापौर ने शासन से की शिकायत, पेयजल सचिव को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

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अमृत योजना में लापरवाही पर महापौर ने शासन से की शिकायत
– पेयजल सचिव को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

रुद्रपुर : ( ख़बरीलाल ख़ोज ) महापौर विकास शर्मा ने अमृत योजना के कार्यों में जारी सुस्ती पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने इस संबंध में पेयजल सचिव को पत्र लिखते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। महापौर ने दूरभाष पर भी सचिव से वार्ता कर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया, जिस पर पेयजल सचिव ने शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिया।

महापौर ने सचिव को प्रेषित पत्र में अवगत कराया कि वर्ष 2015 में शुरू हुई ‘अटल मिशन फॉर रेजुवनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन योजना के अंतर्गत नगर क्षेत्र के पांच जोनों में 61.07 करोड़ की लागत से जलापूर्ति के कार्य प्रस्तावित किए गए थे। इन कार्यों की जिम्मेदारी पेयजल निर्माण निगम, काशीपुर को सौंपी गई थी। वर्ष 2018 से 2020 के मध्य टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर कार्यादेश जारी किए गए तथा दिसंबर 2021 तक अधिकांश कार्य पूर्ण कर लिए गए थे।

महापौर ने बताया कि जल संयोजन का कार्य भी पूर्ण हो चुका है, लेकिन इन योजनाओं को जल संस्थान, रुद्रपुर को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया विगत चार वर्षों से लंबित है। परिणामस्वरूप आज तक यह योजनाएं संचालित नहीं हो पाई हैं, जिससे हजारों नागरिक जल संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जल संस्थान, रुद्रपुर के अधिशासी अभियंता इन योजनाओं को अपने अधीन लेने से निरंतर इनकार करते आ रहे हैं, जिससे आमजन को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।

महापौर ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं हैं। कई मोहल्लों में कच्चे जल कनेक्शन, नालियों के अंदर से गुजरती पाइप लाइनें, कम दबाव की आपूर्ति और पूरी तरह ठप जलसेवा जैसी समस्याएं व्याप्त हैं। कई परिवारों को आज तक जल कनेक्शन तक नहीं मिला है। इससे जनता में गहरा आक्रोश व्याप्त है और विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।

महापौर विकास शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि जल संस्थान के अधिशासी अभियंता की भूमिका अत्यंत संदिग्ध है। उनकी उदासीनता और टालमटोल की नीति से न केवल सरकार की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि करोड़ों रुपये की योजना भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने शासन से अनुरोध किया कि यदि तत्कालीन अथवा वर्तमान अधिशासी अभियंताओं से अपेक्षित कार्य नहीं हो पा रहा है तो उनके विरुद्ध कठोर प्रशासनिक कार्यवाही की जाए।महापौर ने यह भी कहा कि यह स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता के लिए चलाई जा रही योजनाएं अधिकारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ रही हैं। शासन इस मामले में हस्तक्षेप कर योजनाओं का संचालन शीघ्र प्रारंभ कराए।

महापौर ने मामले को लेकर पेयजल सचिव से दूरभाष पर भी वार्ता की। उन्होंने अपेक्षा जताई कि शासन इस संवेदनशील मामले पर तत्परता से निर्णय लेकर नगरवासियों को राहत पहुंचाएगा और अमृत योजना के तहत जलापूर्ति की दिशा में ठोस पहल की जाएगी। मामले में सचिव ने महापौर को कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

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