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महापौर दीपक बाली नगर निगम क्षेत्र में ही नहीं आसपास के शहरों के जनता की पसंद बने

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महापौर दीपक बाली नगर निगम क्षेत्र में ही नहीं आसपास के शहरों के जनता की पसंद बने

काशीपुर। चंद वर्षों की राजनीतिक सूझबूझ और महापौर बनने के बाद दिखाई गई विकास की दूरदर्शी सोच के चलते महापौर दीपक बाली अब काशीपुर नगर निगम क्षेत्र मैं ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ अब आसपास के शहरों की जनता की भी पसंद बन गए हैं। चौदह वर्षों बाद रामनगर मे उनके द्वारा श्री अग्रवाल सभा के निर्विवाद और शानदार पारदर्शी ढंग से हुए चुनावो ने श्री बाली की दूरदर्शिता पूर्ण राजनीति की छाप छोड़ी है।

लंबे इंतजार के बाद जब मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई तो अग्रवाल समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। जानकारों का मानना है कि वैसे तो 14 साल तक जो कार्यकारिणी रही उसने भी अच्छे काम किये और अग्रवाल सभा को आधुनिक स्वरूप दिया। बस किए गए विकास कार्यों का लेखा-जोखा वह नहीं रख सके। उनकी नीयत पर संदेह नहीं है मगर समाज के लोग भी बदलाव और परिवर्तन चाहने लगे थे ताकि दूसरों को भी मौका मिले। बात महापौर दीपक बाली तक पहुंची और उन्होंने पर्यवेक्षक के रूप में न सिर्फ खुद एक चमत्कारी भूमिका निभाई बल्कि उन्होंने पूरे चुनाव को पूरी तरह से शांतिपूर्ण, निर्विवाद तथा पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने हेतु अपनी टीम को इस चुनाव हेतु भेजा।

कुल 30 उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की , जिनमें से 15 प्रत्याशी सर्वाधिक मत प्राप्त कर विजयी बने। जैसे ही नतीजों की घोषणा हुई, तो अग्रवाल समाज के लोग जीत का जश्न मनाते नजर आए।विजयी प्रत्याशियों का स्वागत पूरे उत्साह के साथ किया। दीपक बाली ने इस अवसर पर विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि यह जीत समाज की शक्ति और संगठन की मिसाल है। उन्होंने साफ कहा कि हर प्रत्याशी ने सेवा और समर्पण की भावना से चुनाव में भाग लिया और यही भावना समाज की मजबूती का आधार बनेगी। उनकी निगरानी में संपन्न यह चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा, जिसने यह संदेश दिया कि जब समाज एकजुट होकर आगे बढ़ता है तो कोई लक्ष्य कठिन नहीं रहता।

इस चुनाव की सफलता में प्रबंध कार्यकारिणी निर्वाचन के प्रभारी अंशुल जिंदल, सह-चुनाव प्रभारी प्रेम कुमार जैन, चुनाव अधिकारी जसवीर सिंह सैनी, चौधरी समरपाल सिंह , आकाश गर्ग, मुकेश चावला, अमिताभ सक्सेना एडवोकेट , विनय कुमार जिंदल, सुधांशु जिंदल, आशुतोष अग्रवाल और अशोक अग्रवाल जैसे जिम्मेदार लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण रही। इन सबने अपनी जिम्मेदारी गंभीरता और निष्ठा से निभाई, जिसके कारण पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हुई। उनकी सक्रिय मौजूदगी ने इस चुनाव को गरिमा और विश्वसनीयता प्रदान की। समाज के लोग भी इस पारदर्शिता से प्रभावित हैं।

नतीजों की बात करें तो शलभ मित्तल पुत्र उमेश मित्तल ने 1269 मत हासिल कर सर्वाेच्च स्थान प्राप्त किया। उनके ठीक पीछे अमित गोयल ने 1252 मत लेकर अपनी लोकप्रियता का प्रमाण दिया। ईशान अग्रवाल ने 1242 वोट प्राप्त कर तीसरे स्थान पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। आशीष मित्तल पुत्र राजीव मित्तल ने 1109 मतों से जीत दर्ज की, जबकि ऋषि अग्रवाल ने 1060 वोटों से अपनी जगह सुनिश्चित की। इसी कड़ी में अतुल कुमार ने 1025 मत, अर्पित अग्रवाल पुत्र कपिल अग्रवाल ने 1014 मत और राजेंद्र कुमार अग्रवाल (राजू मारवाड़ी) ने 982 मत प्राप्त किए। वहीं लव टर्रे पुत्र पंकज टर्रे टिन्नू ने 970 वोट और अभिषेक अग्रवाल ने 967 वोट हासिल किए। अंकुर अग्रवाल को 963 मत, विकास अग्रवाल को 918 वोट और उमेश अग्रवाल को 905 वोट मिले। इसके अतिरिक्त आकाश अग्रवाल ने 892 वोट और पियूष गोयल ने 867 वोट हासिल कर विजेताओं की सूची पूरी की।विजयी प्रत्याशियों ने मतदाताओं का आभार जताते हुए वादा किया है कि वे समाज की प्रगति, विकास और एकता के लिए निरंतर कार्य करेंगे।
निर्वाचित प्रबंध कार्यकारिणी अब अपने पदाधिकारियों का चयन करेंगी जिसने अपनी ऐतिहासिक जीत को अग्रवाल समाज के हर सदस्य की जीत बताया है और पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव कराने पर महापौर दीपक बाली और उनकी टीम का आभार जताया है।

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