
रुद्रपुर में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल हुए शामिल
(ख़बरीलाल ख़ोज) रुद्रपुर: महाकाल सेवा समिति द्वारा किच्छा रोड स्थित रामनगर के श्री दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित सार्वजनिक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने भाग लेकर कथा श्रवण किया। उन्होंने इस धार्मिक आयोजन को सामाजिक व आध्यात्मिक चेतना का उत्तम माध्यम बताते हुए आयोजन समिति की सराहना की।
पूर्व विधायक ने व्यास गद्दी पर विराजमान वृंदावन से पधारी कथावाचक देवी सिया दासी जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन समिति की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
कथा के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भावपूर्ण वर्णन किया गया, जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथावाचक देवी सिया दासी ने श्रीकृष्ण के जीवन, उनके बाल्यकाल की लीलाओं, और भगवद्गीता के उपदेशों के माध्यम से धर्म, भक्ति और कर्म की महत्ता को रेखांकित किया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राजकुमार ठुकराल ने कहा कि “श्रीमद् भागवत कथा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता और आत्मिक शुद्धि का जीवंत उदाहरण है।” उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली में ऐसे आयोजनों के माध्यम से समाज में शांति, श्रद्धा और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का जीवन धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है, और गीता का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना महाभारत काल में था। उन्होंने आयोजन समिति की सराहना करते हुए कहा कि गांवों में इस तरह के धार्मिक आयोजन संस्कृतिक चेतना को जागृत करते हैं और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का कार्य करते हैं।
राजकुमार ठुकराल ने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे भागवत कथा जैसे आयोजनों में सम्मिलित होकर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दें।
इस अवसर पर आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से पंकज पाण्डेय, रामकुमार, जितेंद्र तिवारी, ब्रजेश पाण्डेय, मयंक तिवारी, रामु चतुर्बेदी, धुरु देव, अनिल यादव, रामबिलास, सुभेन्दु परासर, सतपाल, राजेश मिश्रा, ब्रामदेव तिवारी, किरन तिवारी, ममता पाण्डेय, संगीता, रेनू परासर, संदीप कुशवाहा, राकेश सिंह, शंभू नाथ, प्रताप सिंह, आभा सिंह आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।



