
रुद्रपुर : उत्तराखंड आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा तस्करी पर नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे विशेष प्रवर्तन अभियान के तहत जनपद ऊधम सिंह नगर में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यह अभियान आबकारी आयुक्त उत्तराखंड, संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल, जिला आबकारी अधिकारी ऊधम सिंह नगर तथा सहायक आबकारी आयुक्त (प्रवर्तन) के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत संचालित किया गया।
मुखबिर तंत्र से प्राप्त जानकारी के आधार पर रात्रि लगभग 12:30 बजे आबकारी विभाग की टीम ने ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में एक संदिग्ध स्कूटी (पंजीकरण संख्या – UK 06X6576) को रोका। तलाशी में स्कूटी से मस्तीह ब्रांड की पाँच पेटियाँ देसी शराब बरामद हुईं। पूछताछ के दौरान अभियुक्त द्वारा प्रीत विहार क्षेत्र में अतिरिक्त स्टॉक की सूचना दी गई, जिस पर टीम द्वारा मौके पर छापेमारी की गई और वहाँ से 16 पेटियाँ अवैध मदिरा और बरामद की गईं।
गिरफ्तार अभियुक्त
सुनील पुत्र महेंद्र पाल, निवासी वार्ड नंबर 8, रमपुरा
बृजकिशोर, दुकान मालिक, निवासी वार्ड नंबर 25, प्रीत विहार
तस्करी का तरीका और राजस्व हानि
मस्तीह ब्रांड की शराब सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश में ₹75 प्रति टेट्रा पैक (200 मि.ली.) की दर से उपलब्ध होती है, जबकि उत्तराखंड में इसी मात्रा की माल्टा ब्रांड ₹95 में बेची जाती है। इस मूल्य अंतर का अनुचित लाभ उठाकर तस्कर सीमावर्ती मार्गों के माध्यम से रुद्रपुर क्षेत्र में अवैध शराब की आपूर्ति कर रहे थे। इससे राज्य सरकार के राजस्व को प्रत्यक्ष नुकसान हो रहा था तथा वैध व्यापारियों पर भी आर्थिक दबाव बन रहा था।
वैधानिक कार्रवाई
अभियुक्तों के विरुद्ध उत्तराखंड आबकारी अधिनियम की धारा 60 एवं 63 के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। तस्करी में प्रयुक्त स्कूटी (UK 06X6576) को अधिनियम की धारा 72 के अंतर्गत जब्त किया गया। दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में प्रस्तुत कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
कार्रवाई में शामिल टीम
आबकारी निरीक्षक: महेंद्र सिंह बिष्ट, बृजेश जोशी
उप आबकारी निरीक्षक: विजेंद्र सिंह, महेश पंत, देवेंद्र कुमार
आबकारी सिपाही: दीपक दूबे, संतोष लोहनी, वीरेंद्र कुमार, विकास रावत, राजेंद्र प्रसाद, मंजू आर्या
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि विभाग अवैध मदिरा तस्करी के विरुद्ध पूर्ण सतर्कता बरत रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की सघन, रणनीतिक और निर्देशित कार्रवाइयाँ भविष्य में भी निरंतर जारी रहेंगी, ताकि राज्य में अवैध शराब के कारोबार को पूर्ण रूप से समाप्त किया जा सके।



