
रूद्रपुर: अवैध कच्ची शराब, चरस, गांजा, सुल्फा और सूखे नशे के खिलाफ चल रहे व्यापक जनजागरूकता अभियान को अब युवाओं, श्रमिकों, मातृशक्ति और सामाजिक कार्यकर्ताओं का जबरदस्त जनसमर्थन मिलने लगा है।
एक समय अकेले इस पदयात्रा की शुरुआत करने वाले समाजसेवी सुशील गाबा की साफ-सुथरी छवि और जनसंघर्षों के लंबे इतिहास को देखते हुए अब लोग लगातार इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं।
इसी क्रम में गुरुवार को ट्रांजिट कैम्प में डॉ. महेश राजपूत के प्रतिष्ठान पर समाजसेवी चौखे लाल की अध्यक्षता में लोगों की एक बड़ी बैठक हुई। उपस्थित जनों ने नशे के खिलाफ अपने संकल्प को दोहराया और मोहल्लों में पदयात्रा निकालकर बस्ती में नशा मुक्ति की अलख जगाई।
समाजसेवी सुशील गाबा ने कहा कि “आज जरूरत है कि हम अपनी नई पीढ़ी को नशे के जाल से बचाएं। हमारा आंदोलन गांधीवादी मूल्यों पर आधारित है — इसमें न हिंसा होगी, न कानून की अवहेलना। जनता से संवाद और नशे के दुष्प्रभावों पर जनजागरण ही इसका सबसे मजबूत हथियार है। जब जनता एकजुट होगी, तब नशे के सौदागरों का नेटवर्क खुद ब खुद टूट जाएगा।”
अध्यक्षता कर रहे समाजसेवी चौखे लाल ने कहा कि वह इस मुहिम में गाबा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने कहा, “हर परिवार तक पहुंचना होगा, तभी समाज को इस नशे के जंजाल से मुक्त कराया जा सकेगा।”
इस अवसर पर नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष मोनू निषाद, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष जावेद अख्तर, समाजसेवी हैप्पी रंधावा, पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्षा नेहा सामंत, मोनू कश्यप, पूर्व छात्रसंघ उपसचिव गौरव शुक्ला, वीरेन्द्र कुमार, देवेन्द्र गंगवार, भगवान दास, हरीश चन्द्र सैनी, राकेश कुमार आदि पदयात्री शामिल रहे।



