
बेजुबानों के मसीहा”: जसवीर सिंह उर्फ डिम्पल की प्रेरणादायक कहानी
(ख़बरीलाल ख़ोज) उत्तर प्रदेश ,रामपुर: “भले इंसान की सेवा करो, बेजुबान की सेवा करो” – यही जीवन मंत्र है जसवीर सिंह उर्फ डिम्पल का, जिन्होंने न केवल ज़रूरतमंद इंसानों की सेवा की, बल्कि उन बेजुबानों के लिए भी मसीहा बनकर सामने आए, जिनकी पीड़ा को अक्सर समाज अनदेखा कर देता है।
डिम्पल का मानना है:
> “जो इंसान गलत रास्ते पर चल रहा है, उसे समझाना भी एक सेवा है।
क्योंकि भलाई का रास्ता ही इंसान के लिए सही है।”
उनकी सोच स्पष्ट है —
💠 सेवा करो ज़िंदगी की, क्योंकि
💠 ज़िंदगी की दौलत सबसे बड़ी दौलत है।
चाहे वह किसी इंसान की हो या किसी बेजुबान प्राणी की,
ज़िंदगी सबकी बराबर होती है। तकलीफ़ सबको होती है।
🌿 डिम्पल का संदेश समाज के लिए:
> “अच्छाई की राह पर चलो। भले इंसान बनो।
अपने जीवन को सिर्फ़ सफल नहीं, सार्थक भी बनाओ।”
जसवीर सिंह उर्फ डिम्पल आज हज़ारों लोगों और जानवरों के लिए उम्मीद का नाम बन चुके हैं। उनके द्वारा किए गए बेजुबानों के बचाव, इलाज और संरक्षण के कार्य समाज के लिए एक मिसाल हैं।
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📢 समाज को चाहिए ऐसे ही नायक
जो बिना भेदभाव, बिना शोर, चुपचाप इंसानियत का धर्म निभाते हैं।



