Breaking News

टीएमयू ला कॉलेज में करियर के द्वार ही द्वार

0 0
Share

टीएमयू ला कॉलेज में
करियर के द्वार ही द्वार

 

अब विधि क्षेत्र केवल पारंपरिक करियर विकल्प नहीं रह गया है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव और न्यायिक सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। कानून की तालीम युवाओं को न केवल न्यायपालिका या वकालत सरीखे पुरातन मार्गों की ओर ले जाती है, बल्कि यह उन्हें नीति-निर्माण, कॉर्पाेरेट क्षेत्र, मानवाधिकार संरक्षण, साइबर कानून, बौद्धिक संपदा अधिकार- आईपीआर जैसे विविध और उभरते क्षेत्रों में अवसर भी प्रदान करती है। कॉर्पाेरेट कंपनियों, स्टार्टअप्स, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, एनजीओ और सरकारी विभागों में विधि विशेषज्ञों की मांग निरंतर बढ़ रही है। साथ ही एडीआर- अल्टरनेटिव डिसप्यूट रिसॉल्यूशन जैसे वैकल्पिक विवाद निपटान तंत्र में मध्यस्थता और पंचायती समाधान का महत्व भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज- टीएमसीएलएलएस स्नातक स्तर पर इंटीग्रेटेड लॉ कोर्सेस बीए एलएलबी, बीकॉम एलएलबी और बीबीए एलएलबी के जरिए स्टुडेंट्स को सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य और प्रबंधन के साथ-साथ कानून की समग्र समझ प्रदान कर रहा है। उच्च शिक्षा में एलएलएम में भी विशेषीकृत अध्ययन की सुविधा उपलब्ध है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में क्रिमिनल एंड सिक्योरिटी लॉ, कांस्टिट्यूशनल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ, कॉरपोरेट एंड कॉमर्शियल लॉ जैसे विशेष विषयों में एक वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही कॉलेज में पीएचडी के जरिए शोध के द्वार भी खुले हैं।

 

कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित कहते हैं, आज जब हमारा समाज तकनीकी और वैश्विक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में विधि क्षेत्र युवाओं को नैतिक मूल्यों, सामाजिक उत्तरदायित्व और संवैधानिक मूलभूत अधिकारों के साथ आगे बढ़ने का अवसर देता है। टीएमयू से पासआउट स्टुडेंट्स आज देश की न्यायिक सेवाओं, विभिन्न उच्च न्यायालयों, सुप्रीम कोर्ट तथा प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लॉ फर्म्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह यूनिवर्सिटी के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और छात्रों के समर्पण का प्रमाण है। कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज में हम न केवल अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि स्टुडेंट्स को व्यावहारिक कानूनी प्रशिक्षण, मूट कोर्ट, क्लाइंट काउंसलिंग, लीगल एड क्लीनिक जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाजोपयोगी व व्यावसायिक दक्षता प्रदान कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर एवम् ला कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. सुशील कुमार सिंह कहते हैं, विधि एक ऐसा क्षेत्र है, जहां ज्ञान और न्याय साथ-साथ चलते हैं। यदि युवा सही मार्गदर्शन और प्रतिबद्धता के साथ इस क्षेत्र को अपनाएं, तो न केवल वे अपने करियर में सफल हो सकते हैं, बल्कि समाज में बदलाव के वाहक भी बन सकते हैं।

About Post Author

editorkhabrilal

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
editorkhabrilal


Share