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कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की तानाशाही का प्रतीक था आपातकाल: शर्मा महापौर ने लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

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कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार की तानाशाही का प्रतीक था आपातकाल: शर्मा
महापौर ने लोकतंत्र सेनानियों को किया सम्मानित

रुद्रपुर। आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में महापौर विकास शर्मा ने लोकतंत्र रक्षकों और उनके परिजनों को अंग वस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया और उनके योगदान को नमन करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।

भाजपा कार्यालय में सम्मान हेतु आमंत्रित किये गये स्नेह पाल जी, कस्तूरी लाल तागरा, नरेश रस्तोगी, अशोक जायसवाल, मुलखराज गुलाटी, यशपाल घई और प्रभु दयाल जल्होत्रा के सुपुत्र राजीव जल्होत्रा, वेद प्रकाश अरोरा के पुत्र अरुण अरोरा, किशोरी लाल धीर के सुपुत्र संदीप धीर, ओमप्रकाश गुप्ता की सुपुत्री शैली बंसल, चुन्नी लाल खेड़ा के सुपुत्र बल्देव राज खेड़ा, मदन लाल खेड़ा के सुपुत्र विशाल खेड़ा, श्यामा नंद तिवारी के पुत्र घनानंद तिवारी, कुंवर सिंह के पुत्र दीवान सिंह तथा हरबंस लाल अरोरा के पुत्र संजय अरोरा आदि को महापौर ने अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया और उनके योगदान को नमन करते हुए आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर महापौर विकास शर्मा ने कहा कि आज जब हम लोकतंत्र की मजबूती की बात करते हैं और सत्ता में बैठे लोग जनसेवा का दावा करते हैं, तो यह सब कुछ लोकतंत्र सेनानियों की कुर्बानी और संघर्षों का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का वर्तमान स्वरूप, उसका वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी बनना, इन लोकतंत्र सेनानियों की तपस्या का ही परिणाम है। उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि भाजपा आज भी उन मूल्यों को आत्मसात किए हुए है जिनके लिए इन सेनानियों ने जेल की यातनाएं सहीं, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और लोकतंत्र की रक्षा में अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष न्यौछावर कर दिए। लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए पार्टी ने आज भी अपने बुजुर्गों के विचारों को नहीं छोड़ा है और बुजुर्गों के विचारों और सपनों को पूरा करते हुए अंत्योदय की भावना से पार्टी काम कर रही है।

महापौर ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता को बचाने के लिए न सिर्फ संविधान का गला घोंटा, बल्कि देश की न्याय व्यवस्था, प्रेस की स्वतंत्रता और आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी कुचल डाला। उस समय हजारों आंदोलनकारियों, पत्रकारों, छात्रों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, उन पर अत्याचार किए गए और पूरे देश को एक अघोषित जेल बना दिया गया। आपातकाल इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का प्रतीक था और इसे लागू करना इतिहास का काला दिन था।

महापौर शर्मा ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का ‘काला दिन’ करार देते हुए कहा कि यह वह समय था जब सत्ता की भूख ने संवैधानिक व्यवस्था को नष्ट कर दिया था। लेकिन लोकतंत्र सेनानियों के अडिग संकल्प, सत्य और न्याय के प्रति निष्ठा ने देश को एक बार फिर लोकतंत्र की राह पर लौटाया।

कार्यक्रम में कई अन्य वक्ताओं ने भी लोकतंत्र सेनानियों के योगदान को याद किया और युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे इतिहास से सीख लें और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव सजग रहें।

इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मंत्री राजेन्द्र बिष्ट, जिलाध्यक्ष कमल जिंदल, पूर्व मेयर रामपाल सिंह, अमित नारंग, तरूण दत्ता, धीरेन्द्र मिश्रा, मोहन तिवारी, राजेश जग्गा, मानस जायसवाल,हरविंदर सिंह, आयुष तनेजा, रश्मि रस्तौगी, अनिल चौहान, राधेश शर्मा, अजय तिवारी सहित तमाम भाजपाई मौजूद रहे।

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