
रुद्रपुर: मोहल्ला खेड़ा स्थित मदरसा, मस्जिद, मज़ार, ईदगाह और कब्रिस्तान के सामने स्थित वक्फ बोर्ड की भूमि पर 07 दिसंबर 2025 को प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर शहर में व्यापक असंतोष उभरकर सामने आया है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व नोटिस और बिना न्यायालयीन आदेश के की गई, जिसके चलते मुस्लिम समाज और सेक्युलर नागरिकों में गहरी निराशा व्याप्त है।
घटना के बाद से स्थानीय स्तर पर समाज के प्रतिनिधियों ने कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व से कई बार औपचारिक विरोध, स्थलीय निरीक्षण और सार्वजनिक बयान जारी करने की मांग की, लेकिन अब तक पार्टी की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसी निष्क्रियता को लेकर लोगों में नाराज़गी बढ़ती दिख रही है।
स्थिति को लेकर आज सेक्युलर नागरिकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक हुई, जिसमें समुदाय के कई प्रमुख लोगों ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
1. रुद्रपुर के सेक्युलर नागरिक और मुस्लिम समाज 14 दिसंबर 2025 को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रस्तावित कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे।
2. जब तक कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व प्रभावित स्थल का दौरा कर स्पष्ट और सार्वजनिक रुख व्यक्त नहीं करता, तब तक किसी भी बड़े कार्यक्रम में भागीदारी नहीं की जाएगी।

बैठक में मौजूद नागरिकों ने कहा कि यह निर्णय किसी राजनीतिक टकराव का तरीका नहीं है, बल्कि संविधान, धार्मिक स्वतंत्रता और विधिक प्रक्रिया के सम्मान की उम्मीद में उठाया गया कदम है। स्थानीय समाज का मानना है कि वक्फ संपत्तियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई कानून और प्रक्रिया के अनुरूप होनी चाहिए, ताकि धार्मिक सौहार्द और जनता का विश्वास दोनों कायम रह सकें।
स्थानीय लोगों ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश नेतृत्व के उचित हस्तक्षेप के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी। फिलहाल, नागरिकों में यह भावना प्रबल है कि संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक दलों को समय पर अपनी स्थिति स्पष्ट करना आवश्यक है।



