
रुद्रपुर में पहली बार राष्ट्रीय कुमाऊँनी भाषा सम्मेलन 7 से 9 नवम्बर तक
रुद्रपुर: उत्तराखण्ड भाषा संस्थान देहरादून, कुमाऊँनी पत्रिका पहरु, कुमाऊँनी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति प्रचार समिति तथा संस्कृति विभाग उत्तराखण्ड के संयुक्त तत्वावधान में रुद्रपुर में पहली बार राष्ट्रीय कुमाऊँनी भाषा सम्मेलन का आयोजन 7 से 9 नवम्बर तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) परिसर में किया जाएगा।
आयोजन समिति के डॉ. एस.एम. उप्रेती, डॉ. बी.एस. बिष्ट और मीडिया प्रभारी डॉ. के.सी. चंदौला ने बताया कि सम्मेलन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि रुद्रपुर जैसे औद्योगिक शहर में कुमाऊँनी भाषा-संस्कृति पर आधारित इतना बड़ा आयोजन पहली बार हो रहा है, जिससे लोकभाषा के पुनर्जागरण का संदेश जाएगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ 7 नवम्बर को पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी करेंगे। उद्घाटन सत्र में कुमाऊँनी भाषा की प्राचीनता, साहित्यिक परंपरा और सांस्कृतिक योगदान पर विचार-विमर्श होगा। इसी दौरान कुमाऊँनी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की आवश्यकता और इसे विद्यालयी पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की दिशा में सुझाव भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
पहले दिन के दूसरे सत्र में कुमाऊँनी लोक साहित्य, कला, लोक वाद्य, रंगमंच, सिनेमा और सोशल मीडिया की भूमिका पर चर्चा होगी। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ और लोक कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
8 नवम्बर को कुमाऊँनी भाषा के मानकीकरण पर विशेष कार्यशाला आयोजित होगी। इसमें उच्चारण, लिपि और शब्दावली की एकरूपता पर विमर्श होगा। इसी दिन कवि सम्मेलन में कुमाऊँनी और हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि अपनी रचनाओं से लोकभाषा की समृद्ध परंपरा को सजीव करेंगे।
9 नवम्बर को सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और पुरस्कार वितरण समारोह के साथ सम्मेलन का समापन होगा। इसमें देशभर से आए कुमाऊँनी साहित्यकारों, कलाकारों और समाजसेवियों को सम्मानित किया जाएगा।
मीडिया प्रभारी डॉ. के.सी. चंदौला ने कहा कि यह सम्मेलन कुमाऊँनी भाषा के संरक्षण, संवर्धन और प्रसार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है, जो आने वाली पीढ़ियों में भाषाई गौरव और सांस्कृतिक चेतना को नई दिशा प्रदान करेगा।



