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पंतनगर विश्वविद्यालय में सड़क सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन, युवाओं को किया गया जागरूक

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पंतनगर विश्वविद्यालय में सड़क सुरक्षा कार्यशाला का आयोजन, युवाओं को किया गया जागरूक

रुद्रपुर जनपद में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए नई पीढ़ी को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग रुद्रपुर द्वारा पंतनगर विश्वविद्यालय में एक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

कार्यशाला के दौरान परिवहन विभाग ऋषिकेश की टीम द्वारा पोस्टर, बैनर, पंपलेट और प्रोजेक्टर के माध्यम से छात्रों को यातायात नियमों एवं सड़क सुरक्षा के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ARTO प्रशासन श्री मोहित कोठारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए सड़क सुरक्षा नियमों के पालन की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सुरक्षित सड़क संस्कृति के निर्माण में युवाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम की शुरुआत भारत, उत्तराखंड तथा विशेषकर उधम सिंह नगर जिले में हो रही सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों से हुई। बताया गया कि सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मृत्यु 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की होती है, जिसका मुख्य कारण तेज रफ्तार (ओवरस्पीड) है।

छात्रों को सड़क सुरक्षा के चार E’s – Engineering, Education, Enforcement, Emergency की संकल्पना के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही, सड़क संकेत, रेखाएं, राइट ऑफ वे जैसे विषयों पर प्रस्तुति के माध्यम से जागरूक किया गया।

छात्रों को निम्नलिखित सुरक्षा उपायों के बारे में विशेष रूप से जागरूक किया गया:

चारपहिया वाहन में सीट बेल्ट का उपयोग

दुपहिया वाहन पर हेल्मेट पहनना

बिना लाइसेंस वाहन न चलाना

वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करना

निर्धारित गति सीमा में वाहन चलाना

नशे की हालत में वाहन न चलाना

रात में डिपर का प्रयोग

ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन करना

गोल्डन आवर और गुड सेमरिटन नीति के बारे में भी छात्रों को बताया गया। ‘नेक राहवीर योजना’ के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सहायता करने पर 25,000 रुपये के पुरस्कार की जानकारी दी गई। साथ ही, त्वरित चिकित्सा के महत्व को भी रेखांकित किया गया।

ARTO प्रवर्तन श्री नवीन सिंह ने सड़क दुर्घटनाओं के सामाजिक प्रभावों पर चर्चा करते हुए बताया कि कैसे एक छोटी सी लापरवाही किसी परिवार के लिए त्रासदी बन सकती है। उन्होंने नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने के गंभीर दंडों की भी जानकारी दी, जिसमें माता-पिता या अभिभावकों को तीन साल तक का कारावास, ₹25,000 का जुर्माना और वाहन के पंजीकरण का निलंबन शामिल है।

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा शपथ दिलाई गई।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डॉ. ए.एस. जीना (डीन, छात्र कल्याण), डॉ. अजय कुमार उपाध्याय, डॉ. छाया शुक्ला, डॉ. श्वेता राय, डॉ. रुचि रानी, डॉ. ऊषा पंत, तथा परिवहन विभाग की ओर से गोकुल सुप्याल (परिवहन उप निरीक्षक), मनोज भंडारी (परिवहन उप निरीक्षक), ललित (परिवहन आरक्षी) आदि गणमान्य उपस्थित रहे।

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